एक ऐसा संस्थान जो सम्पूर्ण राष्ट्र में हिन्दी प्रचार एवं हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, विश्व-कीर्तिमान बना कर भारत के सबसे बड़ी हिन्दी सेवी संस्थान के रूप में स्थापित है।
11 नवम्बर, 2016 से हिन्दी के रचनाकारों को मंच उपलब्ध करवाने, उनकी कृतियों को इंटरनेट पर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से संचालित मातृभाषा.कॉम जब हिन्दी प्रचार के प्रति ज़िम्मेदारी का निर्वहन करने लगा, तब एक संस्था के पंजीयन की आवश्यकता हुई, जिसे वर्ष 2017 में *’मातृभाषा उन्नयन संस्थान’* के नाम से पंजीकृत करवाया गया। बतौर अध्यक्ष *डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’* ने संस्थान का दायित्व संभाला।
हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनवाना, भारत में हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना, इसे रोज़गारमूलक सम्पर्क भाषा के तौर पर स्थापित करना,
हिन्दी पुस्तकालय खोलना, उनका प्रचार करके लोगों को पुस्तक मित्र बनाना आदि वृहद् उद्देश्यों की स्थापना के लिए संस्थान देशभर में कार्य कर रहा है।
आज संस्थान की 20 से अधिक राज्यों में इकाइयाँ हैं, जो हिन्दी प्रचार का कार्य कर रही हैं। भारतभर में हस्ताक्षर बदलो अभियान चलाया जा रहा है जिससे अब तक 11 लाख लोग जुड़ चुके हैं ।
संस्थान का उद्देश्य जनता को हिन्दी से जोड़ना और साहित्य व साहित्यकारों के माध्यम से क्रान्ति सूत्र का शंखनाद करना है।
🖊 वर्ल्ड बुक्स ऑफ़ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा हस्ताक्षर बदलो अभियान के लिए विश्व कीर्तिमान दिया गया।
🖊 संस्थान की प्रेरणा से 11 लाख से अधिक लोगों ने अपने हस्ताक्षर हिंदी में करना आरम्भ कर दिया।
🖊 11 लाख से अधिक लोगों ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने का समर्थन प्रदान किया है।
🖊 लगभग 2000 से अधिक रचनाकार मातृभाषा. कॉम के लेखक हैं।
🖊 9 लाख से अधिक पाठकों का स्नेह प्राप्त हुआ है।
🖊 10000 से अधिक साहित्यकारों का जुड़ाव साहित्यकार कोश से है।
🖊 20000 से अधिक पत्रकार / सम्पादक/ अख़बार मालिक संस्थान से जुड़े हैं।
🖊 7000 से अधिक ख़बरों में संस्थान को स्थान प्राप्त है।
🖊 सैकड़ों राजनेताओं, हज़ारों जनप्रतिनिधियों के संस्थान को समर्थन दिया है।
इसी के साथ हिन्दी के योद्धा के रूप में यह संस्थान लगातार सक्रिय है।
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