हिन्दी ग्राम शब्द में ही सम्पूर्ण परिकल्पना समाहित है, एक ग्राम जो सबसे छोटी इकाई होकर भी समग्र को समेट कर संचालित होता है, उसी उद्देश्य को हिन्दी ग्राम में सहेजा जा रहा है। हिन्दी ग्राम का मूल उद्देश्य हिन्दी भाषा को रोज़गार मूलक व व्यवसाय से जोड़ना है, क्योंकि विश्व की कोई भी भाषा जैसे अंग्रेज़ी, जापानी, चाईनीज़, फ्रेंच आदि जब तक बाज़ार से नहीं जुड़ी तब तक उसका विकास सीमित ही रहा है । उसी तरह संस्कृत बाज़ार से दूर रही तो उसे विलुप्त होने की कगार पर ला पहुँचाया, यही हाल हिन्दी का भी हो रहा है। परन्तु हिन्दी को बाज़ार मूलक बनाने और उसमें रोज़गार के अवसर लाने के उद्देश्य से हिन्दी ग्राम की शुरुआत की गई है।
मूलत: हिन्दी ग्राम के माध्यम से विश्व स्तर पर हिन्दीभाषियों के लिए रोज़गार के अवसरों को तलाशकर जानकारी उपलब्ध करवाना, हिन्दी का प्रचार करना, हिन्दी में शिक्षा ग्रहण करने के लिए लोगों को प्रेरित करना, हिन्दी शिक्षण से रोज़गारोन्मुखी कार्यक्रम संचालित करना, लेखन व रचनाकारों को जोड़ना, भारत में हिन्दी के प्रति प्रेम वर्धन करना, पर्यटन से राजस्व प्राप्त करने वाले राज्यों में हिन्दी का प्रसार कर वहाँ हिन्दी भाषी पर्यटकों की सहायता करना तथा राज्यों में पर्यटको का रुझान बढ़ाना और राज्यों की राजस्व वृद्धि करना, भारतीय संस्कृति के संरक्षण हेतु हिन्दी का विस्तार करना, हिन्दी की भूमिका से भारतीयता के प्रति जागरुक विदेशियों को आकर्षित करना और देशभर में हिन्दी से लोगों को जोड़ने के लिए हिन्दी में हस्ताक्षर करने के लिए प्रेरित करना है।