एक प्रकाशन रचनाकार के शब्दरंगों से सपनों का बुनकर होता है। एक रचनाकार जो अब तक अपने सृजन को डायरी के पन्नों तक समेट देता था, अब उसके सार्थक सृजन को गुणवत्ता की चाशनी में डूबा कर, रंग और आकार के साथ पाठक की उन्नत और वैचारिक मानसिक खुराक बनाने का कार्य करने वाले उपक्रम का नाम प्रकाशक है।
भाषा के सौंदर्य में अभिवृद्धि और लेखकों के मनोभावों के बीजों के अंकुरण हेतु प्रकाशन ही तो बनता है जनमानस की समिधा, इसीलिए वैचारिक क्रांति के संवाहक के रूप में प्रकाशक को अधिक ज़िम्मेदार माना जाता है। ज़िम्मेदार प्रकाशन ही पाठक और लेखक के बीच का वह सेतु है जो शिक्षित समाज के निर्माण और जागरुक मानस प्रस्फुटन करता है।
इसी कड़ी में हिन्दी भाषा के उन्नयन और भारतीय भाषाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से माँ अहिल्या की नगरी और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से ‘संस्मय प्रकाशन’ का उदय वर्ष २०१९ में हुआ है। जहाँ प्रकाशन को सम्मान बाँटने और पुस्तक छापने का व्यापार न बनाकर पाठकों को वैचारिक खुराक पहुँचाने और श्रेष्ठ लेखन को प्रकाशन का पंख देकर रचनाकार को लेखक के रूप में स्थापित करने का ध्येय निहित है।
वर्तमान दौर में हिन्दी लेखकों की या कहें भारतीय भाषा के सृजनकर्ताओं की मूलभूत समस्या पुस्तक विक्रय की है, चूँकि यही कारक भी है कि भारतीय भाषाएँ अभी भी ‘पेट’ यानी रोज़गार की भाषाएँ कम बन पाई हैं, जिससे भारतीय भाषाओं में लेखन भी प्रभावित है और पाठक समाज भी वैचारिक नवाचार से वंचित।
इन्हीं उद्देश्य की स्थापना हेतु हिन्दी सेविका व उद्यमी श्रीमती शिखा जैन के नेतृत्व में एक अनथक यात्रा का आरम्भ संस्मय प्रकाशन के रूप में हुआ है। यहाँ एक लेखक गुणवत्ता, विश्वसनीय, सकारात्मकता के साथ-साथ उच्च स्तरीय तकनीकी तंत्र, मुद्रण तंत्र और बेहतरीन वितरण और विपणन (मार्केटिंग) तंत्र की सुविधाओं को प्राप्त करेंगे। जिससे लेखकों की आय में अभिवृद्धि के साथ व्यक्तिगत दाहांकन यानी व्यक्तिगत ब्रांडिंग के उच्चस्तरीय पैमानों और प्रयासों का महाकुम्भ भी हासिल होगा।
संस्मय प्रकाशन की संबद्धता ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ से है, जिसका मूल उद्देश्य हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना और भारतीय भाषाओं को ‘पेट’ की भाषा बनाना है, इसलिए मूल तत्व की प्राप्ति के लिए यह प्रकाशन प्रतिबद्धता के साथ लेखक को पाठकों से जोड़ता भी है और लेखकों और पाठकों के साथ न्याय करते हुए गुणवत्ता के साथ सामग्री पहुँचाता भी है। संस्मय प्रकाशन जो भाषायी सौंदर्य का विस्तार कर स्थापित और नवांकुर रचनाकारों के सृजन रूपी स्वप्न को बुनकर पाठक परिवार को वैश्विक स्तरीय गुणवत्ता आधारित वैचारिक खुराक उपलब्ध करवाने हेतु वचनबद्ध है।
*‘संस्मय प्रकाशन’ पाठक और लेखक दोनों को गुणवत्ता और उच्चस्तरीय सेवाओं और सामग्री को प्राप्त करने का विश्वास दिलाता है, क्योंकि संस्मय है विश्वास और सपनों का विजय तिलक…….*