आदरणीय वाणीपुत्र पत्रकार साथियों,
सादर वन्दे !
“तुमने कलम उठाई है तो वर्तमान लिखना,
हो सके तो राष्ट्र का कीर्तिमान लिखना,
चापलूस तो लिख चुके हैं चालीसे बहुत,
हो सके तो तुम हृदय का तापमान लिखना
महलों में गिरवी है गरिमा जो गाँव की,
सहमी–सी सड़कों पर तुम हिन्दुस्तान लिखना“
हिन्दी को भारत में वर्तमान में राजभाषा के रूप में स्वीकार किया है, जबकि हिन्दी का स्थान ‘राष्ट्रभाषा’ का है । हमने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने और हिन्दी को रोज़गार मूलक भाषा बनाने के उद्देश्य से मातृभाषा उन्नयन संस्थान व हिन्दी ग्राम का गठन किया है ।
‘हिन्दी ग्राम’ क्या हैं?
हिन्दी ग्राम शब्द में ही सम्पूर्ण परिकल्पना समाहित है, एक ग्राम जो सबसे छोटी ईकाई होकर भी समग्र को समेट कर संचालित होता है, उसी उद्देश्य को हिन्दी ग्राम में सहेजा जा रहा है।
हिन्दी ग्राम का मूल उद्देश्य हिन्दी भाषा को रोजगार मूलक व व्यवसाय से जोड़ना है, क्योंकि विश्व की कोई भी भाषा जैसे अंग्रेजी, जापानी, चाईनीज, फ्रैन्च आदि जब तक बाजार से नहीं जुड़ी तब तक उसका विकास सीमित ही रहा है । उसी तरह संस्कृत बाजार से दूर रही तो उसे विलुप्तता की कगार पर ला पहुँचाया, यही हाल हिन्दी का भी हो रहा है। परन्तु हिन्दी को बाजार मूलक बनाने और उसमें रोजगार के अवसर लाने के उद्देश्य से हिन्दी ग्राम की शुरुआत की गई है।
देशभर में हिन्दी से लोगों को जोड़ने के लिए हिन्दी में हस्ताक्षर करने के लिए प्रेरित करना है ।
उक्त अभियान के तहत संपूर्ण राष्ट्र में हस्ताक्षर बदलो अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है कि यदि आप अँग्रेज़ी में हस्ताक्षर करते है तो हिन्दी में हस्ताक्षर करने की शुरुआत कीजिए। हस्ताक्षर दिनचर्या की छोटी किंतु प्रभावपूर्ण इकाई है । हस्ताक्षर बदलो अभियान का लक्ष्य वर्ष २०२० तक एक करोड़ भारतीयों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाना है । इसमें शैक्षणिक संस्थान, समिति, ग्राम, नगर, प्रांत तक मातृभाषा संस्थान अपने भाषासारथी साथियों के माध्यम से पहुँचेगी ।
साथ ही देशभर में ‘हिन्दी रथ’ भी निकाला जाएगा और अन्य गतिविधियाँ भी संचालित होगी ।
संवाद सेतु कौन होंगे?
भारत में कार्यकरने वाले सभी पत्रकार जो हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु अपना सहयोग अपनी कलम के माध्यम से देना चाहते है वे सभी मातृभाषा उन्नयन संस्थान और भारतीय मनीषा के बीच ‘संवाद सेतु’ की भूमिका में रहेंगे। इस अभियान में मीडिया के साथियों की भूमिका संवाद सेतु के रूप में भी रहेगी ।
संवाद सेतु का दायित्व–
इस अभियान में मीडिया के साथियों की भूमिका संवाद सेतु के रूप में भी रहेगी । यदि आप राष्ट्र सेवा के इस प्रकल्प का हिस्सा बनना चाहते हैं तो स्वागत है आपका । क्या आप इस प्रकल्प का हिस्सा बनकर हिन्दी के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करना चाहते हैं?
यदि हाँ तो निम्न पत्र भरें,
https://goo.gl/forms/51ZwM3hoSn3xX8gv1
अतिशीघ्र संस्थान के केंद्रीय कार्यालय द्वारा आपको मेल के माध्यम से व संपर्क करके संपूर्ण जानकारी दी जाएगी । अधिक जानकारी के लिए आप संस्थान का अंतरताना (वेब) भ्रमण कर सकते हैं जिसका पता है- www.hindigram.com
या दूरभाष +91-7067455455 / 9406653005
या अणुभाष (ईमेल)-hindigramweb@gmail.com
पर संपर्क कर सकते हैं ।
जय हिंद- जय हिन्दी
आपका,
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘
अध्यक्ष- मातृभाषा उन्नयन संस्थान